Wednesday 6 June 2018

पोर्न साइट्स पर खोजा जा रहा है कोहरे में गुम हुआ धर्म..

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पहले लगता था ठण्ड सिर्फ मेरी रजाई के बाहर पड़ रही है लेकिन अभी-अभी महसूस हुआ कि दुनिया के हर कोने में पेशावर से लेकर पेरिस तक ठण्ड यूं ही पड़ रही है और कोहरा इतना है जिसमे धर्म तक खो गए हैं



पहले लगता था ठण्ड सिर्फ मेरी रजाई के बाहर पड़ रही है लेकिन अभी-अभी महसूस हुआ कि दुनिया के हर कोने में पेशावर से लेकर पेरिस तक ठण्ड यूं ही पड़ रही है और कोहरा इतना है जिसमे धर्म तक खो गए हैं, धुंध ऐसी कि सही और गलत में फर्क दिखना बंद हो गया है, बरसात में कभी-कभी ओले गिरते हैं जिसे पत्थर पड़ना भी कहते हैं लेकिन अब की ठण्ड में ये पत्थर कईयों की अक्ल पर पड़े हैं, पत्थर भी ऐसे पड़े कि मजाक को धर्म पर हमला समझ लिया और बदले में धर्म का मजाक बना डाला. 
चार्ली हेब्दो के कार्यालय पर हमले की वजह बताई जा रही है कि पत्रिका ने पैगंबर मुहम्मद के कार्टून छापे थे इसी पत्रिका ने अबू बकर अल बगदादी का भी कार्टून छापा था, हमले के बाद हमलावर ‘हमने पैगंबर का बदला ले लिया’ जैसे नारे लगा रहे थे, संशय सिर्फ इस बात का है कि वो दोनों में से किसे पैगंबर मान रहे थे और किसका बदला ले गए?
बेगानी शादी में दीवाने अब्दुल्लाओं की भी कोई कमी नहीं है, मेरठ के बसपा नेता हाजी याकूब कुरैशी ने ऐलान किया कि अगर कार्टूनिस्टों के हत्यारे आतंकी उनके पास पैसा मांगने आएं, तो वह उन्हें 51 करोड़ रुपये बतौर इनाम देने के लिए तैयार हैं. ये वक़्त ‘बसपा को चुनावों में एक भी सीट क्या ऐसे नेताओं के चलते नहीं मिलीं?’
जैसे सवाल खड़े करने का नहीं लेकिन एक बात पक्की है कि इसका बीस प्रतिशत भी अगर वो बहन जी को देते तो उन्हें फिर से मुरादाबाद से टिकिट जरूर मिल जाता,बताते चलें कि कुरैशी साहब का इतिहास बड़ा पाक-साफ़ रहा है,नाम के आगे हाजी लिखते हैं दयाभावना कूट-कूट कर भरी है फलस्वरूप खुद का बूचड़खाना है,पुलिस टीम पर हमले का केस है और शहर की कोतवाली में हिस्ट्रीशीट नंबर 192 ए भी खुली धरी है,अर्थात जो धर्म के नाम पर लोगों को ‘जगा’ सके ऐसा काबिल नेता बनने के सारे मापदंडों पर वो खरे उतरते हैं.
कोहरे में खोए हुए धर्म की तलाश अभी चल ही रही थी कि खबर आई कि लेबनानी मूल की पॉर्न स्टार मिया खलीफा को पोर्न क्लिप में हिजाब पहनने के कारण जान से मारने की धमकी मिल रही हैं, समझ नही आता धार्मिक लोग पोर्न साइट पर कौन सी आयतें पढ़ने गए थे?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

source:- https://www.ichowk.in/society/opinion-on-france-terrorist-attack/story/1/76.html

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