डूंगरपुर में मौत को मात देने वाली बालिका बनी प्रशासन की बेटी, पहले माता-पिता की असमय मौत, फिर रिश्तेदार के द्वारा जायदाद हड़पने की फेर में जानलेवा हमला, नन्हीं सी उम्र में इतना सहन करने वाली इस बेटी छाया को नवपद स्थापित कलक्टर ने सहारा दिया। ताकि वो पढ़लिख कर अपना भविष्य संवार सके।
डूंगरपुर.
छोटी सी उम्र में बड़े से बड़ा दु:ख झेलकर भी मुस्कान बिखेरने वाली नन्हीं बिटिया छाया को सपने पूरे करने के लिए प्रशासन रूपी वट की छांव मिली। रविवार को मुस्कान संस्थान का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां महज एकदिन के जिला कलक्टर सुरेंद्र कुमार सोलंकी ने छाया को गोद लेते हुए उसकी शिक्षा से लेकर सभी तरह की व्यवस्था प्रशासन की ओर से करने की घोषणा की।
हाल ही में कलक्टर सोलंकी का तबादला डूंगरपुर किया गया है।
उन्हें ज्वॉइन किए हुए महज 24 घंटे ही हुए और उन्होंने इस बेसहारा बालिका की शिक्षा-दीक्षा की सभी व्यवस्थाएं कर दी। उन्होंने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की प्राचार्य आभा मेहता को बालिका का स्थानीय अभिभावक नियुक्त करते हुए अतिरिक्त कलक्टर अशोक कुमार और सीईओ परशुराम धानका को बालिका का अच्छी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश कराने, पुस्तकों, यूनिफार्म आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बालिका को अंग्रेजी माध्यम में अध्ययन में आने वाली संभावित समस्या को देखते हुए ट्यूटर का बंदोबस्त करने को भी कहा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा को बालिका की रिपोर्ट बनाने के भी निर्देश दिए।
हुआ था जानलेवा हमला संस्थान सचिव भरत नागदा ने कलक्टर को बताया कि नौ साल की छाया चीखली तहसील क्षेत्र के अंबाड़ा-कोचरी गांव की है। पांच साल की उम्र में उसके माता-पिता की मृत्यु हो गई। खेत-खलिहान की इकलौती वारिस थी। करीब चार साल पहले उसकी करीबी रिश्तेदार ने हांसिये ने उसकी गर्दन व कंधे पर वार किया था। लहूलुहान बालिका घर से भाग निकली। गांव के बाहर लावारिस हालत में देखकर किसी ने चाइल्ड लाइन को सूचना दी।
चाइल्ड लाइन की टीम पुलिस की मदद से उसे जिला अस्पताल लाए। यहां उसके 32 टांके आए। कई दिनों के इलाज के बाद बच्ची स्वस्थ हुई, तब से मुस्कान संस्थान निराश्रित बालिका गृह में रह रही है। वर्तमान में वह राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय जेल में कक्षा तीसरी में अध्ययनरत है। Note News From - http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/dungarpur/help-education-latest-news-girl-collector-dungarpur-2236291.html
उन्हें ज्वॉइन किए हुए महज 24 घंटे ही हुए और उन्होंने इस बेसहारा बालिका की शिक्षा-दीक्षा की सभी व्यवस्थाएं कर दी। उन्होंने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की प्राचार्य आभा मेहता को बालिका का स्थानीय अभिभावक नियुक्त करते हुए अतिरिक्त कलक्टर अशोक कुमार और सीईओ परशुराम धानका को बालिका का अच्छी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश कराने, पुस्तकों, यूनिफार्म आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बालिका को अंग्रेजी माध्यम में अध्ययन में आने वाली संभावित समस्या को देखते हुए ट्यूटर का बंदोबस्त करने को भी कहा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा को बालिका की रिपोर्ट बनाने के भी निर्देश दिए।
हुआ था जानलेवा हमला संस्थान सचिव भरत नागदा ने कलक्टर को बताया कि नौ साल की छाया चीखली तहसील क्षेत्र के अंबाड़ा-कोचरी गांव की है। पांच साल की उम्र में उसके माता-पिता की मृत्यु हो गई। खेत-खलिहान की इकलौती वारिस थी। करीब चार साल पहले उसकी करीबी रिश्तेदार ने हांसिये ने उसकी गर्दन व कंधे पर वार किया था। लहूलुहान बालिका घर से भाग निकली। गांव के बाहर लावारिस हालत में देखकर किसी ने चाइल्ड लाइन को सूचना दी।
चाइल्ड लाइन की टीम पुलिस की मदद से उसे जिला अस्पताल लाए। यहां उसके 32 टांके आए। कई दिनों के इलाज के बाद बच्ची स्वस्थ हुई, तब से मुस्कान संस्थान निराश्रित बालिका गृह में रह रही है। वर्तमान में वह राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय जेल में कक्षा तीसरी में अध्ययनरत है। Note News From - http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/dungarpur/help-education-latest-news-girl-collector-dungarpur-2236291.html
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