उन्होंने योग गुरू बाबा रामदेव को दुनिया और देश का सबसे बडा पूंजीपति और व्यापारी बताते हुए आरोप लगाया कि पूर्व में वह स्वयं मुलायम सिंह यादव की तारीफ करते थे, पर बाद में नरेंद्र मोदी और भाजपा के पास चले गए।
लालू ने स्वरूपानंद सरस्वती के सांई की पूजा करने के कारण सूखा पड़ने संबंधी बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश को तोड़ने और नफरत फैलाने वाली बात की जा रही है और कुछेक लोग बोलते हैं कि जिसे देश से प्रेम नहीं है वे यहां से बाहर चले जाएं। उन्हें यह बताना चाहिए कि उन्होंने यह कैसे परखा कि किसी व्यक्ति विशेष को देश से प्रेम नहीं है।
लालू ने आशाराम बापू और उनके पुत्र नारायण साईं के कृत्यों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये नकली बाबा लोगों को दिग्भ्रमित करते और लोगों की धार्मिक आस्था का गलत इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने आरएसएस और भाजपा का चरित्र अल्पसंख्यक, दलित एवं पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसको लेकर किसी प्रकार लोगों में संदेह नहीं होना चाहिए।
देश में असहिष्णुता को लेकर जारी विवाद की चर्चा करते हुए लालू ने कहा, 'आरएएस तिरंगे के स्थान पर अपना केसरिया झंडा लहराने की मंशा रखता है।' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'ग्रामोदय से भारत उदय' अभियान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव के मद्देनजर और मायावती का वोट तोड़ने के लिए वे इस तरह की बात कर रहे हैं।
भाजपा द्वारा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाने पर कटाक्ष करते हुए लालू ने आरोप लगाया कि भाजपा एवं आरएसएस 'रंगा सियार' बनने के रास्ते पर चल रहे हैं।
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