Wednesday 11 May 2016

इस धमाके से हैरान हुआ था अमेरिका, पाकिस्तान का छूटा था पसीना

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जयपुर।भारत ने 11 और 13 मई 1998 को राजस्थान के पोकरण में पांच परमाणु बम का परीक्षण किया था। इन परमाणु बम परीक्षण को 18 साल हो गए हैं। भारत की ओर से यह दूसरा परीक्षण था। अमेरिकन सेटेलाइट भारत पर खास नजरें गड़ाए हुए थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में रक्षा वैज्ञानिक डॉ. कलाम और उनकी टीम ने इस ऑपरेशन को ऐसे अंजाम दिया कि जब इसकी जानकारी अमेरिका लगी तो वह हैरान रह गया था वहीं पाकिस्तान का पसीना छूट गया था। इसलिए भनक भी नहीं लगी अमेरिका को...

-जब 11 और 13 मई 1998 को थार के रेगिस्तान में धमाका हुआ तो पूरी दुनिया भौंचक्की रह गई।
-इस ऑपरेशन का नाम दिया गया था शक्ति।
-ऑपरेशन शक्ति को बेहद गुप्त रखा गया। वाजपेयी सरकार के कई मंत्रियों को भी इसकी भनक नहीं थी।
- अमेरिकी खुफिया एजेंसी की भी ये बड़ी चूक थी कि उसे विस्फोट के बाद इसका पता लगा।
- परीक्षण के बाद अमेरिका ने भारत पर कई पाबंदियां लगा दीं।
ये थी खास बातें
-इनमें 45 किलोटन का एक तापीय परमाणु उपकरण शामिल था।
-इसे आमतौर पर हाइड्रोजन बम के नाम से जाना जाता है।
-11 मई को हुए परमाणु परीक्षण में 15 किलोटन का विखंडन उपकरण और 0.2 किलोटन का सहायक उपकरण शामिल था।
-तत्कालीन रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार कलाम के अलावा उस समय परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष आर चिदंबरम और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक रहे अनिल काकोडकर ने पोखरण-2 परमाणु परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ऐसे दिया था अमेरिका को चकमा
-1998 में मई के पहले सप्ताह में भारत ने कश्मीर में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी थी, ताकि अमेरिकी सेटेलाइट को चकमा दिया जा सकते और हुआ भी वैसा ही।
-अमेरिकी सेटेलाइट की नजरों से बचकर, भारत ने पोकरण में सफल परमाणु परिक्षण कर लिया।
-तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ तत्कालीन रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार कलाम की चतुराई से ऐसा किया गया था।
1995 में ही हो सकता था यह परमाणु परीक्षण
-1998 में हुए परमाणु परीक्षण को 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहराव ने कराने का फैसला लिया था, लेकिन अमेरिकी सैटेलाइट ने परीक्षण की तैयारियों का पता लगा लिया।
-उसके बाद ही इस ऑपरेशन को दुनिया की नजरों में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

सैन्य अधिकारियों के साथ एपीजे अब्दुल कमाल मिलिट्री ड्रेस में।


तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ डॉ. कलाम।


सैन्य अधिकारियों के साथ एपीजे अब्दुल कमाल मिलिट्री ड्रेस में चाय पीते हुए।



परमाणु परीक्षण के बाद जमीन में आई दरारों का निरीक्षण करते हुए सैन्य अधिकारी।




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